(क) भारतीय समाज में नारी को अकल्पनीय दुर्दशा किस प्रकार हुई? (ख) "आँचल में द्ध और आँखों में पानी" को स्त्रियों ने क्या मान लिया तथा क्या? (ग) समाज में प्रतिरोध के स्वर कब जन्म लेते है? (घ) भारतीय धर्मगथों में क्या कहा गया है? (ङ) 'वैज्ञानिक' शब्
द की रचना किस मूल शब्द और किस प्रत्यय से हुई है? (च) प्रस्तुत गद्याश का उचित शीर्षक लिखिए।
Answers
1.स्त्री मात्र भोग-विलास और वासना-तृप्ति की वस्तु थी। फलतः लड़कियों को विद्यालय में भेजकर पढ़ाना सम्भव न रहा।
बाल-विवाह का प्रचलन हुआ, जिससे लड़की छोटी आयु में ही ब्याही जाकर अपने घर चली जाए। परदा-प्रथा का प्रचलन हुआ और नारी घर में ही बन्द कर दी गयी।
युद्ध में पतियों के पराजित होने पर यवनों के हाथ न पड़ने के लिए नारियों ने अग्नि का आलिंगन करना शुरू किया, जिससे सती-प्रथा का प्रचलन हुआ।
2.यशोधरा के विरहिणी रूप पर भी कवि ने ज्यादा प्रकाश डाला है। विरहिणी गोपा रात-दिन आँसू बहाती है। उसे जान पड़ता है कि उसका जन्म केवल रोने के लिए हुआ है। उस अबला जीवन की आँखों में सदैव पानी भरा रहता है और इसीलिए वह अपने पति को नयन-नीर ही देती है।
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4.यह हम सब जानते हैं कि हमारे सबसे पुराने ग्रंथ मनुस्मृति में कहा गया है –“जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवताओं का वास होता है” यह हमारे धर्म में नारी की स्थिति बताने के लिए काफी है।
जिस समय पश्चिमी सभ्यता पुरुष और नारी में समानता के अधिकार की बातें करता था उससे कहीं पहले भारतीय ग्रंथों में नारी को पुरुष के समान नहीं उससे ऊँचा दर्जा प्राप्त था।जहाँ पश्चिमी सभ्यता में स्त्री की पहचान एक माँ,बहन, बेटी तक ही सीमित थी,भारतीय संस्कृति में उसे देवी का स्थान प्राप्त था
5.शब्द "वैज्ञानिक" मूल शब्द है विज्ञान और इक प्रत्यय है।
6.भारतीय नारी