Science, asked by rashi8374, 9 months ago

काँच की आयताकार सिल्ली द्वारा प्रकाश की किरण का अपवर्तन चित्र सहित समझाइए।

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Answered by Lostinmind
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Answer:

किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का अपवर्तनांक (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में विद्युतचुम्बकीय तरंग (जैसे प्रकाश) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात (1/1.5 = 2/3) हो जाता है।

जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो दोनो माध्यमों का अपवर्तनांक अलग-अलग होने की दशा में प्रकाश की किरण अपने पथ से मुड़ जाती है। यह मुड़ना किस तरफ होगा - यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस माध्यम का अपवर्तनांक कम और किसका अधिक है। यह मुड़ना स्नेल के नियम (Snell's Law) का पालन करता है।

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Answered by franktheruler
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काँच की आयताकार सिल्ली द्वारा प्रकाश की किरण का अपवर्तन चित्र सहित निम्न प्रकार से समझाया गया है

  • चित्र के अनुसार रेखा AB के अनुदिश वायु में चलती हुई प्रकाश की किरण जब आयताकार सिल्ली के पृष्ठ एसडी टकराती है तब कांच में प्रवेश करती है।
  • चित्र के अनुसार बिंदु ' O ' पर प्रकाश की किरण AB विरल माध्यम वायु से सघन माध्यम कांच में प्रवेश करने से अभिलंब की ओर झुकती है।
  • पृष्ठ SR के बिंदु ' O ' पर प्रकाश की किरण कांच अर्थात सघन माध्यम से विरल माध्यम अर्थात वायु की ओर जाती है तो यह अभिलंब से दूर हो जाती है।
  • अतः हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलंब की ओर झुक जाती है इसके विपरित जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलंब से दूर हो जाती है।
  • हमने यह भी निरीक्षण किया की जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तब वह अपने पथ से विचलित हो जाती है। इसे प्रकाश का अपवर्तन कहा जाता है।

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