Chemistry, asked by sachin933548, 11 months ago

कांच को अतिशीतित द्रव क्यों माना जाता है​

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Answered by Anonymous
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क्योंकि यह ठोस हुए भी द्रवों के कुछ गुण प्रदर्शित करता है। द्रव के समान इसमें प्रवाहित होने का गुण होता है। जैसे पुरानी इमारतों में लगे शीशे नीचे से मोटे व ऊपर से पतले हो जाते है।

Answered by anurimasingh22
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कांच, अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इनमें द्रवों के समान प्रवाह की प्रवृत्‍ति होती है, यद्यपि यह बहुत धीमे होता है अतः इन्हें अतिशीतित द्रव माना जाता है। इन्हें आभासी ठोस भी कहते हैं।अधिकांश द्रव यदि पूर्णतः स्वच्छ बर्तन में बहुत धीरे-धीरे ठंडे किए जाएँ तो अपने सामान्य हिमांक से नीचे तक बिना क्रिस्टलीकृत हुए पहुँच जाते हैं। यह क्रिया अतिशीतन कहलाती है। पानी -10 डिग्री सें. से भी नीचे तक अतिशीतित किया जा सकता है। दीउफ़् ने क्लोरोफ़ार्म और मीठे बादाम के तेल के एक मिश्रण में, जिसका घनत्व पानी के घनत्व के बराबर था, एक छोटी सी पानी की बूँद लटका दी और बिना संपीडन के -20 डिग्री सें. तक उसे शीतल कर दिया।किसी द्रव या गैस को बिना ठोस बनाये ही उसका ताप हिमांक से कम करना अतिशीतलन कहलाता है। कांच एक अतिशीतलन द्रव हैं। रबर भी एक अतिशीतलन दृव हैंवास्तव में अतिशीतन एक अस्थायी क्रिया है। अतिशीतित द्रव मे तत्संगत पिंड का एक अति अल्प कण भी डाल देने से या बर्तन को हिला देने से संपीडन चालू हो जाता है और जब तक निकली हुई गुप्त उष्मा उसके ताप को सामान्य हिमांक तक न ले आए तब तक चलता रहता है। हवा की अनुपस्थिति अतिशीतन में सहायक होती है।

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