Hindi, asked by ayanpro129, 11 months ago

कीचड़ के सौंदर्य तथा उसकी महानता का चित्रण लेखक ने किस प्रकार किया है
chapter kichad ka kavya

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Answered by bhatiamona
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“कीचड़ का काव्य” लेख में लेखक ने कीचड़ के सौंदर्य और उसकी महानता का वर्णन किया है।

लेखक कहता है कि सौंदर्य स्थलों और सुंदर चीजों का वर्णन सब लोग  करते हैं, लेकिन टीचर के सौंदर्य का वर्णन कोई नहीं करता। लेखक को कीचड़ में भी एक सौंदर्य नजर आता है। लेखक के अनुसार कीचड़ का रंग बहुत से व्यक्तियों को पसंद है। किताबों के गत्तों का रंग कीचड़ जैसा होता है, घर की दीवारों का रंग कीचड़ जैसा होता है, मिट्टी के बर्तनों रंग भी कीचड़ जैसा होता है।

कीचड़ के सौंदर्य का वर्णन करते हुए यह कहता है कि जब नदी के किनारे टूट जाते हैं और उनमें दरारें पड़ जाती हैं। तब वे सुखाये खोपड़े जैसे दिखायी देते हैं और इन पर पक्षियों के पद चिन्ह अंकित हो जाते हैं। जब कीचड़ और ज्यादा सूख जाता है तो जमीन एकदम कड़क हो जाती है। तब गाय, बैल, बकरी, आदि जैसे जानवरों के पद चिन्ह भी आते हैं। उस समय इसकी शोभा देखते बनती है। जब दो पांडे  कीचड़ को रौंदते हुये अपने सींगों से आपस में लड़ते हैं तो उनके पदचिन्ह महिषकुल  के युद्ध का वर्णन करते हैं।

“कीचड़ का काव्य” ‘काका कालेलकर’ द्वारा लिखित एक लेख है।

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