Hindi, asked by manjumanju73955, 6 months ago

“कुछ भी बन, पर कायर मत बन |

ठोकर मार , पटक मत माथा

तेरी राह रोकतेपाहन

कुछ भी बन, पर कायर मत बन |

ले-देकर जीना क्याजीना ?

कब तक गम केआँसूपीना ?

मानवता नेतुझको सींचा

बहा युगों तक खून पसीना

कुछ न करेगा ? किया करेगा

रेमनुष्य–बस कतार कृंदन ?

अर्पणकर सर्वस्वमनुज कोकर न दुष्टको आत्म-समर्पण

कुछ भी बन, पर कायर मत बन |”

1) कवि क्यानहीं बननेकी प्रेरणादेरहा है? (1)

i) साहसी ii) कायर iii) वीर iv) बुद्धिमान

2) कवि केअनुसार किसकेसामनेआत्मसमर्पणनहींकरना चाहिए ? (1)

i) साहसी केसामने ii) दुष्टकेसामने iii) वीर केसामनेiv) बुद्धिमानकेसामने

ग) कविता क्यासंदेश देती है? (1)

i)कर्मकरनेका ii) कायर बननेका iii) हार मान लेनेका iv) भाग्यकेभरोसेरहनेक​

Answers

Answered by kusumlata5316
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Answer:

(1) बुद्धिमान

(2) दुष्ट के सामने

(3) कर्म करने का

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