कुछ करने या सोचने के लिए -
") (1) आदिवासियों के रीति-रिवाज, खान-पान, जीवनशैली आदि पर जानकारी
एकत्र कर लिखिए।
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आदिवासी जैसा कि नाम है उससे ही अर्थ प्रकट हो जाता है। आदिवासी मतलब जो धरती पर अनादि काल से रह रहे हैं। यही सच्चे अर्थ में प्राकृतिक मानव है जो पूर्णता प्रकृति पर आश्रित होते हैं। यह वह समुदाय है जो आधुनिक समाज के ज्ञान, विज्ञान, तकनीक, शिक्षा आदि से बिल्कुल अनजान है।
आदिवासी ही सच्चे अर्थों में वह मानव है जो प्रकृति के महत्व को समझते हैं और प्राकृतिक संसाधनों का रक्षण करते हैं। आदिवासी आत्म-सम्मान से जीने वाले समुदाय होता है, जिन्हें अपनी आदिवासी अस्मिता और संस्कृति बेहद प्यारी होती है। आदिवासियों में कोई कानून नहीं होता बल्कि परंपराएं होती है और वह अपनी परंपराओं के अनुसार ही चलने में विश्वास रखते हैं। आदिवासियों में एकता बहुत होती है और वह किसी भी संकट की घड़ी में एकता का प्रदर्शन करते हैं। आदिवासियों की अपनी अलग विशिष्ट भाषा होती है। आदिवासी शिक्षा की दृष्टि से आदिवासी अशिक्षित ही होते है।
आदिवासियों की समस्याएं बहुत कठिन होती हैं उनके रीति-रिवाज, रहन-सहन, सभ्यता, आचार विचार, संस्कृति धर्म आदि में अपार सुधार की आवश्यकता है। उनका पिछड़ापन दूर किये जाने की आवश्यकता है। क्योंकि अब आदिवासी सभ्य समाज के साथ संपर्क में आ गए हैं। इस कारण उनकी अपनी निजता भंग होने लगी है और उनको अपनी जीवनशैली के अनुसार जीने में कठिलाई होती जा रही है। निरंतर घटते जा रहे वनों और प्राकृतिक जगहों की कमी से आदिवासियों को अपने अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
आदिवासी प्रकृति प्रेमी होते हैं और वे वनो, जंगलों, पहाड़ों में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं और अपने जीवकोपार्जन के लिये इन वनों पर ही निर्भर होते हैं। लेकिन निरंतर घटते जा रहे वनों से आदिवासी विस्थापित हो रहे हैं और उनका अस्तित्व घटता जा रहा है।