कुछ महापुरुषों के चित्र एकत्र करके चिपकाइए और जीवन के प्रति उनके विचार लिखिए
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अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम मसऊदी(अंग्रेज़ी: A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे।[4] वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। अब्दुल कलाम के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
१५ अक्टुबर १९३१ – २७ जुलाई २०१५) जे मिसाइल म्यान आ जनताक राष्ट्रपति कऽ नामसँ जानल जाएत छल, भारतीय गणतन्त्रक एगारहम निर्वाचित राष्ट्रपति छलाह ।[२] ओ भारतक पूर्व राष्ट्रपति, जानल मानल वैज्ञानिक आ अभियन्ताक (इन्जिनियर) रूपमे विख्यात छल । ओ मुख्य रूप सँ एकटा वैज्ञानिक आ विज्ञानक व्यवस्थापकक रूपम चारि दशक धरि रक्षा अनुसन्धान एवम् विकास सङ्गठन (डिआरडिओ) आ भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान सङ्गठनक (इसरो) नेतृत्व केनए छल आ भारतक नागरिक अन्तरिक्ष कार्यक्रम आ सैन्य मिसाइलक विकासक प्रयासमे सेहो सामिल रहल छल । ओ ब्यालेस्टिक मिसाइल आ प्रक्षेपण यान प्राविधिकक विकासक कार्यकें लेल भारतमे मिसाइल म्यानक रूपमे जानल जाएत अछि ।[३] this was Abdul kalam`s info
Mahatma Gandhi:
मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।[1]। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं।[2] प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है।
Bharat Singh:भगत सिंह (जन्म: सितम्बर/अक्टूबर १९०७[a] , मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ( कुल दो केस में ) फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश में उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया जाता है।
भगत सिंह
ਭਗਤ ਸਿੰਘ
19 अक्टूबर 1907[a] से 23 मार्च 1931 ई०