Hindi, asked by koulkaran6, 1 month ago

कुछ विद्वान कारक के किस भेद को कारक का भेद नहीं मानते। 1 point संप्रदान कारक संबोधन कारक अधिकरण कारक​

Answers

Answered by priyanshubhandari101
1

रूपविज्ञान के सन्दर्भ में, किसी वाक्य, मुहावरा या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ उनके सम्बन्ध के अनुसार रूप बदलना कारक कहलाता है। अर्थात् व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है उसे कारक कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से सम्बन्ध जिस रूप से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं। कारक यह इंगित करता है कि वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का काम क्या है। कारक कई रूपों में देखने को मिलता है

विभिन्न भाषाओं में कारकों की संख्या तथा कारक के अनुसार शब्द का रूप-परिवर्तन भिन्न-भिन्न होता है। संस्कृत तथा अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं में आठ कारक होते हैं। जर्मन भाषा में चार कारक हैं।

कारक विभक्ति - संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के कारक अनुसार रूप-परिवर्तन को कहते हैं।

Answered by itzsilentkiller234
1

Answer:

Explanation:

“जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो या जो किसी शब्द का क्रिया से संबंध बताए वह ‘कारक’ है।”

जैसे–माइकल जैक्सन ने पॉप संगीत को काफी ऊँचाई पर पहुँचाया।

यहाँ ‘पहुँचाना’ क्रिया का अन्य पदों माइकल जैक्सन, पॉप संगीत, ऊँचाई आदि से संबंध है। वाक्य में ‘ने’, ‘को’ और ‘पर’ का भी प्रयोग हुआ है। इसे कारक–चिह्न या परसर्ग या विभक्ति–चिह्न कहते हैं। यानी वाक्य में कारकीय संबंधों को बतानेवाले चिह्नों को कारक–चिह्न अथवा परसर्ग कहते हैं। हिन्दी में कहीं–कहीं कारकीय चिह्न लुप्त रहते हैं।

जैसे–

घोड़ा दौड़ रहा था।

वह पुस्तक पढ़ता है।

आदि। यहाँ ‘घोड़े’ ‘वह’ और ‘पुस्तक’ के साथ कारक–चिह्न नहीं है। ऐसे स्थलों पर शून्य चिह्न माना जाता है। यदि ऐसा लिखा जाय : घोड़ा ने दौड़ रहा था।

उसने (वह + ने) पुस्तक को पढ़ता है।

Similar questions