(क) छायावादी युग की रचना है-
(i) प्रेम-माधुरी
(iii) चित्राधार
(ii) उद्धव-शतक
(iv) शारंगधर।
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i
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Prem or Madhuri is the write answer
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प्रेम-माधुरी छायावाद काव्य की मुख्य विशेषता थी।
छायावादी युग भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण युग था, जो लगभग 1918 से 1938 तक चला। इस युग में उन्नत कला व साहित्य के माध्यम से आध्यात्मिकता, संतोष, प्रेम और स्वाधीनता जैसे अभिव्यक्ति बढ़ाई गई।
छायावादी युग की मुख्य रचनाएँ प्रेम-माधुरी, चित्राधार, उद्धव-शतक और शारंगधर थीं। प्रेम-माधुरी में कवि अपनी प्रेम की अनुभूतियों को अभिव्यक्त करते हुए अपनी भावनाओं को सामान्य जनता के साथ साझा करते हुए उसे अपने लव स्टोरी के रूप में प्रस्तुत करते हुए अपने काव्य का निर्माण करते थे। चित्राधार में कवि अपने काव्य को किसी चित्र वर्णन के रूप में प्रस्तुत करते हुए उसे जीवंत व चित्रित करते थे। उद्धव-शतक में कवि अपनी आत्मीयता के रूप में अपने काव्य को प्रस्तुत करते थे जो दैनिक जीवन की जिंदगी के उत्सवों को वर्णन करता था।
छायावाद काव्य युग, भारतीय साहित्य का एक अहम काव्य आंदोलन था जिसने 20वीं सदी के उपाध्याय रचनाकारों के माध्यम से उभरा। इस आंदोलन में निरंतर भावनात्मकता, प्रेम और सौंदर्य के अंतर्गत काव्य लिखे गए थे।
प्रेम-माधुरी छायावाद काव्य की मुख्य विशेषता थी। इसमें प्रेम के विभिन्न आयाम जैसे कि सौंदर्य, विश्वास और विरह को उत्कृष्ट ढंग से व्यक्त किया गया था।