कूड-करकट के ढेरों के बाद शब्दों से खुशबू रचने वालें के पररिेश के बारे में क्या पता चऱता ह Pls Resist from answering for points if you did . then you बौकलोडे
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कूड़े-करकट के ढेरों के बाद बदबूदार इलाकों में रहना पड़ता है। ये लोग स्वयं भी गन्दे होते हैं। वहाँ के गंदे माहौल में रहना इनकी मजबूरी होती है। वह स्वयं दुख सहता है और संसार को खुशबू से महकाकर सुखी करता है।
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