Hindi, asked by meenasharma199, 1 month ago

कुए की आधुनिक शैली क्या है पता कीजिए और लिखिए​

Answers

Answered by sumitsharma982646
0

Explanation:

आधुनिक युग में कुएं का महत्व केवल विवाह एवं जन्म संस्कार के समय पूजन तक सिमट कर रह गया है। पहले जहां ये कुएं स्वच्छ जल का प्रतीक माने जाते थे। वहीं, आज जल के विभिन्न साधन होने के चलते कुएं के जल का महत्व नहीं रह गया है।

बहसूमा और देहात क्षेत्र में आज भी पुरानी पंरपरा को कायम रखते हुए दर्जनों कुएं मौजूद हैं। इनमें आज भी पानी तो है, लेकिन आजकल जल के अय साधन होने के कारण कुएं के पानी का उपयोग न के बराबर रह गया है। उपेक्षा के चलते कुछ कुएं पाट दिए गए हैं। भारतीय संस्कृति में कुआं पूजन की प्राचीन पंरपरा है। देहात क्षेत्र के कुओं पर आज भी विवाह के दौरान धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। यह परंपरा आधुनिक युग में भी बरकरार है। वहीं, शहरों में कुओं के मिट जाने पर हैंडपंप का पूजन करके ही कुआं पूजन की रस्म अदायगी की जाती है। कस्बे में प्राचीन शिव मंदिर बहारला महादेव, मोहल्ला मंगल बाजार, मोहल्ला जुमेरात, पारकपुरिया, गुलाजोहड़ी, कोआपरेटिव बैंक, रामकटोरी शिव मंदिर एवं दिगंबर जैन मंदिर आदि स्थानों पर आज भी कुएं मौजूद हैं। यहां धार्मिक अनुष्ठान के समय महिलाएं कुआं पूजन करती हैं। दिंगबर जैन मंदिर के प्रबंधक सुभाष जैन ने बताया कि मंदिर परिसर स्थित कुएं में आज भी पीने योग्य स्वच्छ जल मौजूद है। उन्होंने बताया कि इसी कुएं के जल से प्रतिदिन जलाभिषेक किया जाता है।

Similar questions