क. गुरु जी ने कहा- हिंसा का मार्ग अपनाना और नगर बसाना।
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गुरुगोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव पर बुधवार को नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। नगर कीर्तन की अगुवाई पंज प्यारे कर रहे थे। इस दौरान जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी दी फतेह शब्द गूंजे। नगर कीर्तन गुरुद्वारा नौवी पातशाही गुरु तेग बहादुर साहिब से शुरू होकर शहर थाना, पालिका बाजार, फव्वारा चौक, रामराये गेट, बैंड मार्केट, झांझ गेट से होता हुआ भारत सिनेमा रोड स्थित सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचा। बाद में नगर कीर्तन सिंह सभा गुरुद्वारे से चल कर रुपया चौक, सफीदों गेट, बाल भवन रोड, रानी तालाब से होता वापस गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब पर संपन्न हुआ।
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