History, asked by bushrasiddiqui87, 2 months ago

काग्रेंस का अधिवेशन बताए।​

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Answered by Anonymous
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अधिवेशन वर्ष स्थान अध्यक्ष

पहला 1885 ई. बम्बई (वर्तमान मुम्बई) व्योमेश चन्‍द्र बनर्जी

दूसरा 1886 ई. कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) दादाभाई नौरोजी

तीसरा 1887 ई. मद्रास (वर्तमान चेन्नई) बदरुद्दीन तैयब जी

चौथा 1888 ई. इलाहाबाद जॉर्ज यूल

पाँचवा 1889 बम्बई सर विलियम वेडरबर्न

छठा 1890 ई. कलकत्ता फ़िरोजशाह मेहता

सातवाँ 1891 ई. नागपुर पी. आनंद चारलू

आठवाँ 1892 ई. इलाहाबाद व्योमेश चन्‍द्र बनर्जी

नौवाँ 1893 ई. लाहौर दादाभाई नौरोजी

दसवाँ 1894 ई. मद्रास अल्फ़ेड वेब

ग्यारहवाँ 1895 ई. पूना सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

बारहवाँ 1896 ई. कलकत्ता रहीमतुल्ला सयानी

तेरहवाँ 1897 ई. अमरावती सी. शंकरन नायर

चैदहवाँ 1898 ई. मद्रास आनंद मोहन दास

पन्द्रहवाँ 1899 ई. लखनऊ रमेश चन्द्र दत्त

सोलहवाँ 1900 ई. लाहौर एन.जी. चंद्रावरकर

सत्रहवाँ 1901 ई. कलकत्ता दिनशा इदुलजी वाचा

अठारहवाँ 1902 ई. अहमदाबाद सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

उन्नीसवाँ 1903 ई. मद्रास लाल मोहन घोष

बीसवाँ 1904 ई. बम्बई सर हेनरी काटन

इक्कीसवाँ 1905 ई. बनारस गोपाल कृष्ण गोखले

बाईसवाँ 1906 ई. कलकत्ता दादाभाई नौरोजी

तेईसवाँ 1907 ई. सूरत डॉ. रास बिहारी घोष

चौबीसवाँ 1908 ई. मद्रास डॉ. रास बिहारी घोष

पच्चीसवाँ 1909 ई. लाहौर मदन मोहन मालवीय

छब्बीसवाँ 1910 ई. इलाहाबाद विलियम वेडरबर्न

सत्ताईसवाँ 1911 ई. कलकत्ता पंडित बिशननारायण धर

अट्ठाईसवाँ 1912 ई. बांकीपुर आर.एन. माधोलकर

उन्नतीसवाँ 1913 ई. कराची नवाब सैयद मोहम्मद बहादुर

तीसवाँ 1914 ई. मद्रास भूपेन्द्र नाथ बसु

इकतीसवाँ 1915 ई. बम्बई सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा

बत्तीसवाँ 1916 ई. लखनऊ अंबिकाचरण मजूमदार

तैतीसवाँ 1917 ई. कलकत्ता श्रीमती एनी बेसेन्ट

चौतीसवाँ 1918 ई. बम्बई सैयद हसन इमाम

पैतीसवाँ 1918 ई. दिल्ली मदन मोहन मालवीय

छत्तीसवाँ 1919 ई. अमृतसर पं. मोतीलाल नेहरू

विशेष अधिवेशन 1920 ई. कलकत्ता लाला लाजपत राय

सैतीसवाँ 1921 ई. अहमदाबाद हकीम अजमल ख़ाँ

अड़तीसवाँ 1922 ई. गया देशबंधु चितरंजन दास

उनतालीसवाँ 1923 ई. काकीनाडा मौलाना मोहम्द अली

विशेष अधिवेशन 1923 ई. दिल्ली मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

चालीसवाँ 1924 ई. बेलगांव महात्मा गाँधी

एकतालीसवाँ 1925 ई. कानपुर श्रीमती सरोजनी नायडू

बयालीसवाँ 1926 ई. गुवाहाटी एस. श्रीनिवास आयंगर

तैंतालिसवाँ 1927 ई. मद्रास डॉ.एम.ए. अंसारी

चौवालिसवाँ 1928 ई. कलकत्ता जवाहर लाल नेहरु

पैंतालिसवाँ 1929 ई. लाहौर जवाहर लाल नेहरु

छियालिसवाँ 1931 ई. कराची सरदार वल्लभ भाई पटेल

सैंतालिसवाँ 1932 ई. दिल्ली अमृत रणछोड़दास सेठ

अड़तालिसवाँ 1933 ई. कलकत्ता श्रीमती नलिनी सेनगुप्ता

उन्चासवाँ 1934 ई. बम्बई बाबू राजेन्द्र प्रसाद

पचासवाँ 1936 ई. लखनऊ जवाहर लाल नेहरु

इक्यावनवाँ 1937 ई. फ़ैजपुर जवाहर लाल नेहरु

बावनवाँ 1938 ई. हरिपुरा सुभाष चन्द्र बोस

तिरपनवाँ 1939 ई. त्रिपुरी सुभाष चन्द्र बोस

चौवनवाँ 1940 ई. रामगढ़ मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद

पचपनवाँ 1946 ई. मेरठ आचार्य जे.बी. कृपलानी

छप्पनवाँ 1947 ई. दिल्ली राजेन्द्र प्रसाद

Answered by prachibhardwaj098
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Explanation:

कांग्रेस अधिवेशन भारतीयों के सबसे बड़े राजनीतिक दल 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' द्वारा समय-समय पर आयोजित किये गए थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 में की गई थी। इसका पहला अधिवेशन बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में 'कलकत्ता हाईकोर्ट' के बैरिस्टर व्योमेशचन्द्र बनर्जी की अध्यक्षता में हुआ था। कहा जाता है कि वाइसरॉय लॉर्ड डफ़रिन (1884-1888) ने कांग्रेस की स्थापना का अप्रत्यक्ष रीति से समर्थन किया था। यह सही है कि एक अवकाश प्राप्त अंग्रेज़ अधिकारी एलन ऑक्टेवियन ह्यूम कांग्रेस का जन्मदाता था और 1912 में उसकी मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने उसे अपना जन्मदाता और संस्थापक घोषित किया था। गोपालकृष्ण गोखले के अनुसार 1885 में ह्यूम के सिवा और कोई व्यक्ति कांग्रेस की स्थापना नहीं कर सकता था। परंतु वस्तु स्थिति यह प्रतीत होती है कि जैसा कि सी.वाई. चिंतामणि का मत है, राजनीतिक उद्देश्यों से राष्ट्रीय सम्मेलन का विचार कई व्यक्तियों के मन में उठा था और वह 1885 में चरितार्थ हुआ। अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1885 से प्रारम्भ होने वाले और 1947 तक के अधिवेशन इस प्रकार हैं, जिससे उसका राष्ट्रीय एवं अखिल भारतीय रूप प्रकट होता है|

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