कागज क्यों जलने लगता है ?
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जब किसी अवतल दर्पण को सूर्य के प्रकाश में कागज के ऊपर रखते हैं तो अवतल दर्पण सूर्य की आपतित समानांतर किरणों को फोकस कर अभिकेंद्रित कर देता है और एक किरणों को अभिसारित कर एक बिंदु अभिकेंद्रित कर देता है जिसके कारण कागज सूर्य की उष्मा से आग पकड़ लेता है, इसलिए कागज जलने लगता है।
अवतल दर्पण की यह विशेषता होती है कि वह सूर्य की समानांतर किरणों को अभिकेंद्रित करके एक बिंदु पर फोकस कर देता है। अवतल दर्पण वह दर्पण होता है जिसका केंद्र की तरफ वाला दबा हुआ भाग परावर्तक के रूप में कार्य करता है। अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण भी कहते हैं क्योंकि यह सूर्य की आपतित प्रकाश किरणों को अभिकेंद्रित कर देता है।
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