कोहलर के अनुसार, किसी समस्या का समाधान अचानक या एकाएक स्पष्ट हो जाता है, क्योंकि
(a) इसमें चिन्तन प्रक्रिया होती है।
(b) यह प्रयास एवं त्रुटि पर आधारित है।
(c) यह प्रबलन पर आधारित है।
(d) यह उद्दीपन-अनुक्रिया सम्बन्ध है।
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Answer:
(c) यह प्रबलन पर आधारित है।
Explanation:
कोहलर ने तर्क दिया, सोच और समस्या को हल करना घटक उत्तेजना-प्रतिक्रिया संघों का मात्र योग नहीं हो सकता है, लेकिन समस्याओं को कार्यशील पूर्णता के रूप में समझना होगा।
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