क) 'हम अर्जुन, हम भीम शांति के लिए जगत में जीते हैं। मगर, शत्रु हठ करे अगर तो लहू वक्ष का पीते हैं।' i) यह अंश किस कवि की किस रचना से उद्धृत है? ii) इस अंश का ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए। 279पता
Answers
Answer:
हम अर्जुन, हम भीम, शान्ति के लिये जगत में जीते हैं
मगर, शत्रु हठ करे अगर तो, लहू वक्ष का पीते हैं।
हम हैं शिवा-प्रताप रोटियाँ भले घास की खाएंगे,
मगर, किसी ज़ुल्मी के आगे मस्तक नहीं झुकायेंगे।
देंगे जान , नहीं ईमान,
जियो जियो अय हिन्दुस्तान।
Explanation:
We Arjuna, we Bhima, live in the world for peace
But, if the enemy persists, then he drinks the blood of the chest.
We are Shiva-Pratap will eat rotis of good grass,
However, they will not bow their heads in front of any oppressor.
Will give life, not believe,
Long Live our Hindustan!
Hindi:
इसका मतलब है कि हम दुनिया में शांति के लिए अर्जुन और भीम के अधीन रहते हैं। और यदि शत्रु बना रहे, तो वे अपके शत्रुओं की छाती का लहू पीएंगे। वे अच्छी, हाथ से बनी घास की रोटियां खाते हैं। वे बुरे और अस्वस्थ लोगों के सामने अपना सिर नहीं झुकाएंगे। वे अच्छे लोगों के लिए विश्वास के साथ जीवन देंगे। जय हो! हमलोग रहेंगे!
English:
It means we live under Arjuna and Bhima for peace in the world. And if enemies remain, they will drink the blood of their enemies' chests. They eat fine, hand-made hay loaves. They will not bow their heads in front of bad and unhealthy people. They will give life to good people with faith. Be victorious! we will live!
-thanks so much!!