की हर वह आदमी जो मेहनतकश लोहा है हर वह औरत जो दबी सताई लोहा है इसका सम प्रसंग व्याख्या करें
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की हर वह आदमी जो मेहनतकश लोहा है हर वह औरत जो दबी सताई लोहा है इसका सम प्रसंग व्याख्या करें
प्रसंग : प्रश्न में दी गई प्रस्तुत पंक्तियाँ प्यारे नन्हें बेटे को कविता द्वारा ली गई है | कविता श्री विनोद कुमार शुल्क निराला द्वारा लिखी गई है | कविता में कवि ने मेहनतकश आदमी और दबी-सतायी, बोझ उठाने वाली औरत के जीवन में लोहा के संघर्षमय जीवन के बारे में वर्णन किया है |
व्याख्या : पंक्तियों में कवि समझाना चाहते है कि हर व्यक्ति जो जीवन में कठोर परिश्रम करता है , जिसका जीवन का लक्ष्य है , लोहे के समान शक्तिशाली तथा मेहनती बनना होता है , उसी तरह बोझ बाहर मजदूरी करने वाली औरत , सब का शोषण सहने वाली औरत भी लोहे की शक्ति के समान होती है | औरत का जीवन भी संघर्ष वाला होता है |
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