Hindi, asked by prathappp907, 1 month ago

कोइ एक मौलिक कहानी लिखिए जिसका अंत निम्नलिखित पंक्तियों से होता हो
"आज का दिन तो जैसे-तैसे बीत गया, न कल का क्या होगा" 300-400 words

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Answered by swapnildarade283
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भूखे प्यासे पेड़ के नीचे ठंड से ठिठुर रहे थे। उनको अपने तीसरे दोस्त कि बात याद रही थी कि काश हमने उसकी बात मान ली होती और आज इस यात्रा पर नहीं निकलते। दोनों दोस्तों एक दूसरे का चेहरा देख रहे थे । एक ने कहा आज का दिन जैसे तैसे बीत गया , न जाने कल क्या होगा

Answered by vaidikmourya965
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