कोई भी एक कहानीnot short not long
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दोस्त की मदद is the story's name
दो मुर्ख की हिंदी कहानी :-
दो मुर्ख घूमते हुए जंगल के पास आ गए थे यह ठंड का मौसम था, उन्हें बहुत ठंड लग रही थी, मगर जंगल में कुछ नज़र नहीं आ रहा था, पहला मुर्ख कहता है, हमे आग जलानी चाहिए, दूसरा मुर्ख कहता है, वह तो ठीक है मगर हम आग कैसे जला सकते है, पहला मुर्ख कहता है, कुछ दुरी पर बहुत सुखी घास पड़ी है, में लेकर आता है, पहला मुर्ख घास को लेने जाता है, वह कुछ देर बाद ही घास लेकर आ गया था,
दूसरा मुर्ख कहता है, घास तो आ गयी है, मगर आग कहा से मिलेगी क्योकि बिना आग के तो हम दोनों को बहुत ठंड लग सकती है, कुछ देर बाद सोचने पर भी कोई उपाय नहीं आ रहा था, जिस जगह पर वह दोनों बैठे हुए थे उसी जगह पर एक पेड़ था, उस पर एक कौवा बैठा था, वह सब कुछ देख रहा था, दूसरा मुर्ख कहता है, की देखो जुगनू उड़ रहा है, वह चमक रहा है, उसके पास आग है हमे उसे पकड़ना चाहिए, उसके बाद हम इस सुखी घास में आग लगा सकते है, दूसरा मुर्ख उस जुगनू को पकड़ने जाता है, कुछ समय बाद ही वह उसे लेकर आता है,
वह कौवा उन दोनों मुर्ख से कहता है, इस जुगनू से आग नहीं जल सकती है, आप दोनों यह गलत सोच रहे है, पहला मुर्ख कहता है, तुम्हे चुप रहना चाहिए क्योकि तुम्हारा यह काम नहीं है, हम इस काम को कर सकते है, वह उस जुगनू को सुखी घास में अंदर रख देते है, उसके बाद सोचते है की यह आग क्यों नहीं जल रही है, वह कौवा फिर से बोलता है, की मेने कहा था की आग नहीं जलने वाली है, यह सुनकर दुसरा मुर्ख उस कौवा से कहता है, की अब तुम बचने वाले नहीं हो वह उस कौवा को पकड़ लेता है,उसके बाद वह कौवा को मार देता है, क्योकि वह दोनों मुर्ख आग नहीं जला पाते है, उन्हें बहुत गुस्सा आता है, यह कहानी हमे एक बात कहती है, की हमे उसी को सीख देनी चाहिए जो उसे समझने की समझ रख सकता है
दूसरा मुर्ख कहता है, घास तो आ गयी है, मगर आग कहा से मिलेगी क्योकि बिना आग के तो हम दोनों को बहुत ठंड लग सकती है, कुछ देर बाद सोचने पर भी कोई उपाय नहीं आ रहा था, जिस जगह पर वह दोनों बैठे हुए थे उसी जगह पर एक पेड़ था, उस पर एक कौवा बैठा था, वह सब कुछ देख रहा था, दूसरा मुर्ख कहता है, की देखो जुगनू उड़ रहा है, वह चमक रहा है, उसके पास आग है हमे उसे पकड़ना चाहिए, उसके बाद हम इस सुखी घास में आग लगा सकते है, दूसरा मुर्ख उस जुगनू को पकड़ने जाता है, कुछ समय बाद ही वह उसे लेकर आता है,
राजकुमारी और तितली की कहानी
वह कौवा उन दोनों मुर्ख से कहता है, इस जुगनू से आग नहीं जल सकती है, आप दोनों यह गलत सोच रहे है, पहला मुर्ख कहता है, तुम्हे चुप रहना चाहिए क्योकि तुम्हारा यह काम नहीं है, हम इस काम को कर सकते है, वह उस जुगनू को सुखी घास में अंदर रख देते है, उसके बाद सोचते है की यह आग क्यों नहीं जल रही है, वह कौवा फिर से बोलता है, की मेने कहा था की आग नहीं जलने वाली है, यह सुनकर दुसरा मुर्ख उस कौवा से कहता है, की अब तुम बचने वाले नहीं हो वह उस कौवा को पकड़ लेता है,
परियों की नयी कहानी
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