Hindi, asked by chandinihanith, 4 months ago

कोई एक
मौलिक / स्वरचित कविता लिखिर ।​

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Answered by sid240599
5

Answer:

सभी शिक्षकजनों एवं मेरे प्रिय मित्रों को सादर नमन | आज मैं, सिद्धार्थ साहनी, आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ एक हास्य कविता जिसका शीर्षक है *"भारतीय अंग्रेज़"*||

*(यह मेरी स्वरचित कविता है | कहीं भी internet पर नहीं मिलेगी |)*

हाय ! मेरे भारत की हालत क्या हो गयी भगवान??

हिंदी बोलना भूल गए, सब हो गए अब होशियार !!

अंग्रेज़ी हैं हाव-भाव और अपने तौर तरीके |

आज़ादी के बाद भी हम आज़ाद ना रहना सीखे !!

अंग्रेज़ी के बिना ना होता आज तो जॉब सिलेक्शन |

इसके बिना ना जीत सके कोई भी नेता इलेक्शन ||

उनसे ज़्यादा अपनी जनसंख्या

पर भाषा उनकी भारी |

अंग्रेज़ों के गुलाम बने

अब अंग्रेज़ी की तैयारी ||

अंग्रेज़ी भाषा ने ऐसा घाव

है दिल पर दे मारा |

मास्टर जी का ज्ञान तो

देखो धरा रह गया सारा ||

सूट-बूट और टाई पहनकर

सारे बन गए जेंटलमैन |

मातृभाषा रूपी चिड़िया पर

देखो लग गया सूर्यग्रहण ||

अपने देश में हो गयी

अब तो अपनी बात परायी |

दाल-भात खाने वालों ने

अंग्रेज़ी मुर्गी खायी ||

हो स्कूल भी प्राइवेट या सरकारी

ढोल अंग्रेज़ी का ही बोले |

देखो कथा वही जारी

हिंदी में दहलते शोले |

हिंदी में मत रखने वाले

कतार में पीछे हो जाएँ |

अंग्रेज़ी टर्र-टर्र जो बोलें

सबसे आगे आ जाएँ ||

संविधान अंग्रेज़ी में है

अब मातृभाषा की बात करें |

साँस तो अंग्रेज़ी में हैं लेते

अब हिंदी की भी महक चखें ||

स्वाभिमान तो आज भी जग में

मातृभाषा ही दिलाये |

यही तो हमको आज भी

अपनी ही पहचान बताये ||

पर अंग्रेज़ समझदारों को

कौन ये पाठ पढ़ा पाए??

उनका तो गौरव

अंग्रेज़ी, फ्रेंच और स्पैनिश बढ़ाएँ ||

अब तो डर लगा है रहता |

है दिल जिसको हरदम सहता ||

कहीं ये भारतवर्ष भी कभी

ना बन जाए बेचारा |

कहना ना पढ़े कहीं ये हमको

"हमें अंग्रेज़ों ने नहीं

अपनों की इंग्लिश ने मारा |"

*धन्यवाद*

Kindly mark my answer as the brainliest if you find it worthy. I've given you my self-written poetry. This is the least you can do for me.

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