कोई एक
मौलिक / स्वरचित कविता लिखिर ।
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सभी शिक्षकजनों एवं मेरे प्रिय मित्रों को सादर नमन | आज मैं, सिद्धार्थ साहनी, आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ एक हास्य कविता जिसका शीर्षक है *"भारतीय अंग्रेज़"*||
*(यह मेरी स्वरचित कविता है | कहीं भी internet पर नहीं मिलेगी |)*
हाय ! मेरे भारत की हालत क्या हो गयी भगवान??
हिंदी बोलना भूल गए, सब हो गए अब होशियार !!
अंग्रेज़ी हैं हाव-भाव और अपने तौर तरीके |
आज़ादी के बाद भी हम आज़ाद ना रहना सीखे !!
अंग्रेज़ी के बिना ना होता आज तो जॉब सिलेक्शन |
इसके बिना ना जीत सके कोई भी नेता इलेक्शन ||
उनसे ज़्यादा अपनी जनसंख्या
पर भाषा उनकी भारी |
अंग्रेज़ों के गुलाम बने
अब अंग्रेज़ी की तैयारी ||
अंग्रेज़ी भाषा ने ऐसा घाव
है दिल पर दे मारा |
मास्टर जी का ज्ञान तो
देखो धरा रह गया सारा ||
सूट-बूट और टाई पहनकर
सारे बन गए जेंटलमैन |
मातृभाषा रूपी चिड़िया पर
देखो लग गया सूर्यग्रहण ||
अपने देश में हो गयी
अब तो अपनी बात परायी |
दाल-भात खाने वालों ने
अंग्रेज़ी मुर्गी खायी ||
हो स्कूल भी प्राइवेट या सरकारी
ढोल अंग्रेज़ी का ही बोले |
देखो कथा वही जारी
हिंदी में दहलते शोले |
हिंदी में मत रखने वाले
कतार में पीछे हो जाएँ |
अंग्रेज़ी टर्र-टर्र जो बोलें
सबसे आगे आ जाएँ ||
संविधान अंग्रेज़ी में है
अब मातृभाषा की बात करें |
साँस तो अंग्रेज़ी में हैं लेते
अब हिंदी की भी महक चखें ||
स्वाभिमान तो आज भी जग में
मातृभाषा ही दिलाये |
यही तो हमको आज भी
अपनी ही पहचान बताये ||
पर अंग्रेज़ समझदारों को
कौन ये पाठ पढ़ा पाए??
उनका तो गौरव
अंग्रेज़ी, फ्रेंच और स्पैनिश बढ़ाएँ ||
अब तो डर लगा है रहता |
है दिल जिसको हरदम सहता ||
कहीं ये भारतवर्ष भी कभी
ना बन जाए बेचारा |
कहना ना पढ़े कहीं ये हमको
"हमें अंग्रेज़ों ने नहीं
अपनों की इंग्लिश ने मारा |"
*धन्यवाद*
Kindly mark my answer as the brainliest if you find it worthy. I've given you my self-written poetry. This is the least you can do for me.