Hindi, asked by mauryaanjali402, 1 month ago

कोई लहर न रोक सकेंगी

हम मंजिल के दीवाने

संकल्पों के हम हैं सागर

साहस के ध्रुवतारे हैं।

कभी न बाधाओं के आगे पाँव हमारे हारे हैं।

तूफानों को तौल चुके हम

सब हैं जाने- पहचाने

भाग्य हमारी मुट्ठी में है

स्वयं विधाता हम जग के

फिर क्यों किसी आँख में आँसू

बरबस आ-आकर छलकें ।


इस काव्यांश का कोई उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

Answers

Answered by s1260rudra8216
2

Answer:

it is song or poem, by the way it was very interesting

Answered by katif9878
1

Answer:

वाह क्या कविता है। मजा आ गया।

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