कोई नहीं पराया कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए
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मुझको अपनी मानवता पर बहुत-बहुत अभिमान है। और छोड़ कर प्यारा नहीं स्वीकार सकल अमरत्व भी। कोई नहीं पराया, मेरा घर संसार है। शब्दार्थ-अभिमान = गर्व
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