कोई शिक्षाप्रद कहानी लिखिए।
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ओस की बूंदें।'' टिड्डा बोला-''जिन्हें मैं रोज सुबह खाता हूं।'' गधा आखिर गधा ही था। अब उसने और भी जोशो-खरोश से घास खाना शुरू कर दी। खासकर वह सुबह के समय ही घास खाता था, जब वह ओश से भीगी रहती थी।
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एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े जोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े की टोपी हवा से उड़ गई।
उसके पास होकर दो लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा- मेरी टोपी उड़ गई है, उसे पकड़ो। नहीं तो मैं बिना टोपी का हो जाऊंगा।
वे लड़के उसकी बात पर ध्यान न देकर टोपी के उड़ने का मजा लेते हुए हंसने लगे। इतने में लीला नाम की एक लड़की, जो स्कूल में पढ़ती थी, उसी रास्ते पर आ पहुंची।
उसने तुरंत ही दौड़कर वह टोपी पकड़ ली और अपने कपड़े से धूल झाड़कर तथा पोंछकर उस बूढ़े को दे दी। उसके बाद वे सब लड़के स्कूल चले गए।
गुरुजी ने टोपी वाली यह घटना स्कूल की खिड़की से देखी थी। इसलिए पढ़ाई के बाद उन्होंने सब विद्यार्थियों के सामने वह टोपी वाली बात कही और लीला के काम की प्रशंसा की तथा उन दोनों लड़कों के व्यवहार पर उन्हें बहुत धिक्कारा।
शिक्षा
यह कहानी हमें शिक्षा देती है कि हमें कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। साथ ही हमें हर जरूरतमंद व्यक्ति की हमेशा मदद करनी चाहिए चाहे वो छोटा हो या बड़ा।
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Hope it's helpful