कीजिए'बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।सौंह करें, भौंहनु हँसै, दैन कहै नटि जाय।।कहलाने एकत बसत, अहि,मयूर, मृग, बाघ ।जगत तपोवन सौ कियौ,दीरघ-दाघ, निदाघ।।"(1) पाठ का नाम एवं कविका नाम।(2) अहि, मयूर, मृग एवं बाघ का एक-एक पर्यायवाची शब्द लिखिए।(3) व्याख्या कीजिए।
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इस दोहे में कवि ने कृष्ण के साँवले शरीर की सुंदरता का बखान किया है। कवि का कहना है कि कृष्ण के साँवले शरीर पर पीला वस्त्र ऐसी शोभा दे रहा है, जैसे नीलमणि पहाड़ पर सुबह की सूरज की किरणें पड़ रही हैं।
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