Hindi, asked by qk1970459, 20 days ago

कोजागिरी पूर्णिमा के अवसर पर अपने मोहल्ले में आयोजित कार्यक्रम का वृतांत लिखिए​

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Answered by khushipatil4461
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Answer:

इस दिन वर की पूजा के बाद सगे-संबंधियों और परिचितों के बीच मखाना, पान, बताशे, लड्डू का वितरण किया जाता है. इस अवसर पर वर एक खास तरह की टोपी पहनते हैं जिसे पाग कहते हैं. मिथिला में पाग सम्मान का प्रतीक माना जाता है. घर के बड़े बुजुर्ग इस दिन वर को दही लगाकर दुर्घायु औऱ सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं. लोग मखाना,पैसे और बताशे लुटाकर उत्सव का आनंद मनाते हैं. इसे विवाह के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्सव माना गया है.

मिथिलांचल में इस रात नवविवाहित लोगों के घर खास तौर पर दूल्हे के घर उत्सव का माहौल रहता है. इस दिन दही, धान, पान, सुपारी, मखाना, चांदी के कछुए, मछ्ली, कौड़ी के साथ दूल्हे का पूजन किया जाता है. इस दिल वधू पक्ष की ओर से दुल्हे और उसके घर के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़े मिठाई और मखाना आता है. कोजागिरी पर्व में मखाना का बहुत अधिक महत्व होता है. दूल्हा पक्ष के लोग अपनी क्षमता के मुताबिक, गांव के लोगों को निमंत्रण देकर पान, सुपारी और मखाना से उनका स्वागत करते हैं.

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