Hindi, asked by siddhanttanwar083, 6 months ago

काँजी हौस से कौन नहीं भागा था ?
) बकरियाँ
भैसें
(ख) गधे
(घ) भेड़ें​

Answers

Answered by saritasoni24
5

Answer:

sb bhag gye the sirf bail nhi bhage the or unka naam tha Hira or moti..........

I think u r in 4 standard nd chapter is 2nd do bailo ki katha if I m ryt so plz mark me brainlist answer nd follow me dear

Answered by hemantsuts012
0

Answer:

Concept:

काँजी हौस से गधे नहीं भागा था |

Find:

काँजी हौस से कौन नहीं भागा था ?

Given:

काँजी हौस से कौन नहीं भागा था ?

Explanation:

काँजी हौस से गधे नहीं भागा था |

जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पल्ले दर्जे का बेवकूफ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ है, या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता।

गायें सींग मारती हैं, ब्यायी हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है। किन्तु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहे गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सडी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो, पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा

उसके चेहरे पर एक स्थायी विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुःख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों-मुनियों के जितने गुण हैं, वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुँच गए हैं, पर आदमी उसे बेवकूफ कहता है। सद्गुणों का इतना अनादर कहीं न देखा । कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।

गधे के स्वभाव की दो विशेषताएँ प्रसिद्ध हैं

1. मूर्खता।

2. सरलता और सहनशीलता। इस कहानी में लेखक ने गधे की सरलता और सहनशीलता की ओर हमारा ध्यान खींचा हैं। प्रेमचंद ने स्वयं कहा है-'सद्गुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।' कहानी में भी उन्होंने सीधेपन की दुर्दशा दिखलाई है, मूर्खता की नहीं । अतः लेखक ने सरलता और सीधेपन पर प्रकाश डाला है।

#SPJ2

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