काका कालेलकर जी ने गोदावरी नदी के टापू का कैसे वर्णन किया
Answers
Kaka kalelkar Ji Ne Godavari Nadi Ke Tapu Ka Kaisa varnan kiya hai answer
काका कालेलकर ने गोदावरी के टापू का इस तरह वर्णन किया है।
काका कालेलकर ने गोदावरी के टापुओं का वर्णन अलंकारिक शैली किया है। काका कालेलकर कहते हैं कि गोदावरी के टापू बड़े प्रसिद्ध है। कई टापू तो जहां-तहां स्थिर रूप से ऐसे बिखरे हुए हैं, ऐसे कोई प्राचीन धर्म स्थिर होकर जम जाता है। कई टापू एक कवि की प्रतिभा की तरह क्षण भर में स्थल की नवीनता उत्पन्न कर लेते हैं और नया नया रूप ग्रहण कर लेते हैं।
काका कालेलकर कहते हैं कि इन टापुओं में मन रमाने वाले बगुलों को छोड़कर और कौन रहने जाये। टापू जब बगुले चलते हैं तो उन पर अपने पैरों के गहरे निशान छोड़ के बगैर नही जाते। काका कालेलकर अगर वो अपने पैरों के निशान न छोड़ कर जायें तो उनके सफेद रूप वाले चरित्र का अनुकरण कौन करेगा। काका कालेलकर रंग ने गोदावरी के टापुओं तुलना धर्म और कवि के काव्य सौंदर्य से की है, तथा बगुलों का सुंदर उदाहरण दिया है।