'काकी' कहानी के श्यामू कथापात्र को आधार बनाकर लिखिए कि माँ की मृत्यु होने पर बालक की मानसिक
स्थिति कैसी होती है, उसके पिताजी का उसकी ओर व्यवहार सही था या नहीं, उन्हें अपने बेटे के साथ कैसा
व्यवहार करना चाहिए था ? एक बालक के जीवन में माँ का क्या महत्त्व है ? माँ को खोने वाले एक बालक
का बाल मनोविज्ञान और उसके जीवन में माँ का महत्त्व]
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iska jawab whi de skta hai jisne isko feel kiya hoo
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"अपना-अपना भाग्य" के द्वारा लेखक जैनेंद्र कुमार ने सामाजिक असमानता की समस्या को प्रस्तुत किया है।
समाज में गरीब और लाचार बालकों का शोषण दिखाना लेखक का उद्देश्य है।
लेखक ने सामाजिक असमानता के प्रति तथाकथित बुद्धिजीवियों की उपेक्षापूर्ण उदासीनता एवं असमर्थता की मनोवृत्ति पर भी तल्ख व्यंग्य किया है।
लेखक और उसका मित्र असहाय और बेबस बालक के प्रति अपनी जिज्ञासा तो प्रकट करते हैं लेकिन जब उसकी मदद करने का समय आता है तब वे अपनी हृदयहीनता और अमानवीयता का परिचय देते हैं।
वे बालक की सहायता गर्म कपड़े देकर, खाना देकर, पैसे देकर या नौकरी की व्यवस्था करके कर सकते थे पर उन्होंने बालक की इस स्थिति को उसके भाग्य पर छोड़कर अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं किया।
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