Hindi, asked by virendraparihar19962, 7 months ago

कोकिल! यापय दिवसान् तावद् विरसान् करीलविटपेषु।
यावन्मिलदलिमालः कोऽपि रसालः समुल्लसति​

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Answered by hasimhusain63
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Explanation:

प्रसंग : प्रस्तुत श्लोक में कोयल के माध्यम से विद्वान पुरुषो को सांत्वना दी गई है। कि एक न एक दिन उन का अच्छा समय अवश्य आएगा। उन्हें धैर्यपूर्वक अपने बुरे दिनो को काट लेना चाहिए।

अनुवाद : हे कोयल! तब तक अपने नीरस दिनो को करील के पेड़ो पर बिता लो जब तक भौंरो की पंक्ति से युक्त कोई आम का वृक्ष विकसित नहीं होता है।

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