India Languages, asked by gungun1290, 11 months ago

कोकिलरवं श्रुत्वा शार्गरवः किम् अचिन्तयत्? (कोयल का स्वर सुनकर शार्गव क्या सोचते हैं ?)​

Answers

Answered by Anonymous
2

Answer:

hiii

your answer is here !

Explanation:

कोकिलरवं श्रुत्वा शार्गरवः अचिन्तयत्-तपोवने सहनिवासेन मित्रतुल्या: वृक्षा: कोकिलस्य मधुरेण ध्वनिसंकेतेन प्रत्युत्तरेण शकुन्तला पतिगृहाय गन्तुम् अनुमतिं प्रदत्तवन्तः। (कोयल का स्वर सुनकर शार्गव सोचते हैं तपोवन के सहनिवासी मित्रतुल्य वृक्ष कोयले के स्वर में मधुर ध्वनि संकेत से प्रत्युत्तर देकर शकुन्तला को पतिगृह जाने की अनुमति प्रदान करते हैं।)

follow me !

Answered by deepsen640
1

कोकिलरवं श्रुत्वा शार्गरवः अचिन्तयत्-तपोवने सहनिवासेन मित्रतुल्या: वृक्षा: कोकिलस्य मधुरेण ध्वनिसंकेतेन प्रत्युत्तरेण शकुन्तला पतिगृहाय गन्तुम् अनुमतिं प्रदत्तवन्तः। (कोयल का स्वर सुनकर शार्गव सोचते हैं तपोवन के सहनिवासी मित्रतुल्य वृक्ष कोयले के स्वर में मधुर ध्वनि संकेत से प्रत्युत्तर देकर शकुन्तला को पतिगृह जाने की अनुमति प्रदान करते हैं।)

Similar questions