Hindi, asked by mukeshrathia102, 9 months ago

'कुकुरमुत्ता निराला जी ने किसे कहा है?​

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Answered by bhatiamona
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कुकुरमुत्ता कविता में निराला जी ने कुकुरमुत्ता समाज के शोषित वर्ग यानि मजदूर और निर्धन वर्ग को कहा है।

कुकुरमुत्ता कविता की रचना निराला जी ने सन 1942 में की थी, ये एक प्रगतिवादी

तथा व्यंग्य व कटाक्ष से भरी कविता है,  इस कविता के माध्यम से उन्होंने समाज के शोषित वर्ग की व्यथा को कुकुरमुत्ता के माध्यम से प्रकट किया है और कुकुरमुत्ता को आधार बनाकर उन्होंने समाज के सामंतीवादी शोषक वर्गों पर करारा व्यंग्य किया है। इस कविता में उन्होंने यह बताया है कि कैसे समाज का शोषक वर्ग गरीबों, मजदूरों, वंचितों का शोषण करता है। यह वर्ग एक तरफ तो सामान्यजन का शोषण करता है तो दूसरी तरफ राजनीतिक व्यवस्था को भी अपनी कठपुतली बना लेता है।

Answered by shailajavyas
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Answer:

           'कुकुरमुत्ता ' निरालाजी की 1941 में रचित एक बहुचर्चित व्यंगपरक कविता है |इसका मूल स्वर प्रगतिवादी है | मूलतः यह कविता निराला के काव्य संकलन "नए पत्ते" में संकलित है |'कुकुरमुत्ता 'के माध्यम से निराला जी ने सर्वहारा वर्ग के आत्मसम्मान की अभिव्यक्ति को उजागर किया है |

     निरालाजी ने इसमें अपने व्यंग का निशाना किसी एक व्यक्ति या वर्ग पर नहीं लगाया है |कभी वे पूंजी पतियों पर व्यंग्य करते हैं तो कभी छोटे समाजवादियों पर | उन्होंने कुछ साहित्यकारों पर भी व्यंग बाण छोड़े हैं जो कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जोड़कर अपनी रचना तैयार कर स्वयं को बहुत बड़ा साहित्यकार समझने लगते हैं | इस प्रकार उनका व्यंग वैविध्य (विविध प्रकार का ) है |

                यहां पर गुलाब को पूंजीपति वर्ग का प्रतीक माना गया है | निराला ने इस कविता में सरल सहज प्रभावपूर्ण भाषा का प्रयोग करते हुए एक और पूंजीपतियों को अपने आक्रोश का शिकार बनाया तो दूसरी और सामान्य व्यक्ति या  जनसाधारण की महत्ता का प्रतिपादन प्रतीकात्मक शैली में किया है |

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