Hindi, asked by rathorh313hirdeshrat, 6 months ago


(क) किसान की बहू को 'लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-​

Answers

Answered by pinki12
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Answer:

(क )

प्रस्तुत पंक्तियां वे आंखें कविता में किसान के उजड़े हुए घर का वर्णन करने के लिए सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई है इन पंक्तियों में किसान की वेदना तो है ही साथ ही समाज और परिवार में स्त्री के प्रति बुरी भावना का भी परिचय मिलता है -कवि स्त्री की दयनीय स्थिति से पाठक को अवगत करवाना चाहता है

विपरीत परिस्थितियों में अनेक आर्थिक संकटों के चलते किसान ने अपनी पत्नी पुत्र पुत्री बैलों की जोड़ी आदि को खो चुका है अब उसके घर में केवल उसके मृत पुत्र की विधवा बहू बची है परिवार की उजड़ी हुई दशा को सहन कर पाना बड़ा ही कठिन है किसान अपनी बहू को घर में लक्ष्मी के रूप में लाया था परंतु अब वह उसे पति का घात करने वाली मानता है ग्रामीण कृषक संस्कृति और समाज में स्त्री से पूर्व उसके पति की मृत्यु का हो जाना अच्छा नहीं माना जाता और इस मृत्यु का दोषारोपण स्त्री पर ही किया जाता है यही कारण है कि वह अपनी पुत्रवधू को प्रतिघातिन मानता है इसी बात का परिचय देते हुए पंत जी ने सामाजिक स्थिति का परिचय देने का प्रयास किया है पाठक के समक्ष एक सामाजिक चित्र खींचा है

(ख )

Explanation:

इस कविता में मारी किसान की पुत्रवधू का नाम है. किसान अपनी पुत्रवधू को घर की लक्ष्मी के रूप में लाता है लेकिन अब वे उसे पति घातिन मानता है. इसका कारण यह है कि किसान संस्कृति में और हमारे समाज में पत्नी की मृत्यु से पूर्व यदि पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे अच्छा नहीं माना जाता. पति की मृत्यु का कारण भी वह स्त्री को ही मानते हैं. यह हमारे समाज के संकीर्ण मानसिकता की ओर इशारा करता है. यही कारण है कि किसान अपनी पुत्रवधू को पति घातिन मानता है

जब कोतवाल उसकी पुत्रवधू को बुलाता है तो उसकी पुत्रवधू कुएं में कूदकर आत्महत्या कर लेती है. किसान अपनी पुत्रवधू की मृत्यु से उतना दुखी नहीं होता क्योंकि वह यह मानता है कि स्त्री तो पैर की जूती के समान है. एक गई तो दूसरी आ जाती है. परंतु वह अपने पुत्र की मृत्यु से बहुत दुखी है.

इस प्रकार किसान के माध्यम से कवि ने समाज में औरत की दयनीय दशा का चित्रण किया है कि आज भी समाज में स्त्री को उस सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता जिसकी वह अधिकारी है.

(ग )

सांप लोटना -अजय को परीक्षा में प्रथम आया देख राजेश के हृदय पर सांप लोटने लगे

फटी छाती -अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु देखकर किसान की छाती फटने लगी

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