Science, asked by lavkeskumar580, 3 months ago

के के वैदेषिकविद्वांसः संस्कृतविषयस्य प्रशंसां कृतवान्?​

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Answered by mona2136
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संस्कृत भारती संस्कृत भाषा को जन भाषा बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। इस उद्देश्य से कार्य करने वाले सभी कार्यकर्ता प्रशंसा के पात्र हैं। वे एक महान कार्य कर रहे हैं, क्योंकि संस्कृत में भारत की आत्मा बसती है। कहने का तात्पर्य है कि हम अपने देश की आत्मा को शक्ति प्रदान करने के लिए कार्य कर रहे हैं। यह बात संस्कृत भारती के मध्यक्षेत्र के संगठन मंत्री प्रमोद पंडित ने कही। वे संस्कृत भारती मालवाप्रांत के कार्यकर्ता सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मंगलवार को बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि संस्कृत वह भाषा है जो अपनी पुस्तकों वेद, उपनिषदों, श्रुति, स्मृति, पुराणों, महाभारत, रामायण आदि में सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी रखती है। एक रिपोर्ट के अनुसार है कि रूसी, जर्मन,जापानी, अमेरिकी सक्रिय रूप से आध्यात्मिक ग्रन्थों से नई चीजों पर शोध कर रहे हैं और उन्हें वापस दुनिया के सामने अपने नाम से रख रहे हैं। लगभग 40 देशों में

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