(क) काव्यांश में निहित रस पहचानकर लिखिए- श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे। सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे। ख) हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए। ग) श्रृंगार रस क स्थानीयभाव का नाम लिखिए। घ) 'उत्साह' किस रस का स्थायीभाव है?
Answers
(क)
श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे।
इन पंक्तियों में निहित रस का नाम है, रौद्र रस।
रौद्र रस की परिभाषा के अनुसार जहां पर क्रोध आदि प्रकट हो वहां पर रौद्र रस की उत्पत्ति होती है। ऊपर दी गयी पंक्तियों में क्रोध का भाव प्रकट हो रहा है, इसलिये यहाँ रौद्र रस है।
(ख)
हास्य रस का एक उदाहरण इस प्रकार है..
बुरे समय को देखकर गंजे तू क्यों रोय।
किसी भी हालत में तेरा बाल न बांका होय।।
(ग)
श्रृंगार रस का स्थाई भाव रति अर्थात प्रेम है।
(घ)
उत्साह वीर रस का स्थाई भाव होता है।
रस से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...
https://brainly.in/question/6204213
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरा पति सोई
इसमें श्रंगार रस क्यों हैं?
https://brainly.in/question/8349220
मिला कहाँ वह सुख जिसका स्वप्न देखकर जाग गया?
आलिंगन मे आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया ?
Which रस is applied over here ??