Hindi, asked by s14717bjacika1884, 1 day ago

कैकई की क्यों दोस्तों को महाराज दशरथ पूरा नहीं करना चाहते थे​

Answers

Answered by rishabhraj7219
1

Answer:

कहा जाता है, कैकेयी के विवाह पूर्व, एक दिन राजा दशरथ की बात चली, तो राजा अश्वपति के राजपुरोहित रत्नऋषि जो श्रवण कुमार के पिता थे, ने ज्योतिष गणना के आधार पर बताया की राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात अगर राजगद्दी पर कोई भी संतान बैठी तो रघुवंश का नाश हो जायेगा | ये बात बाकी सभी लोगो के लिए तो आयी गयी हो गयी परन्तु ये बात माता कैकेयी के ह्रदय में बैठ गयी और विवाह के पश्चात भी कैकेयी के जहन में रही !

जब राजा दशरथ ने श्री राम को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और राजतिलक की तैयारी करने को कहा गया , तभी बुद्धिमती कैकेयी को राजपुरोहित की बात स्मरण हुई, उन्होंने निश्चय कर लिया की मैं अपने प्रिये पुत्र श्री राम को रघुवंश के विनाश का कारण नहीं बनने दूंगी !

इसके अलावा कैकेयी के चरित्र के सन्दर्भ कोई राय बनाने के पूर्व देवताओ और माता सरस्वती की भूमिका पर भी तो विचार किया जाना चाहिए ! यह प्रसंग रामायण का थोड़ा भी ज्ञान रखने वालो को सबको ज्ञात है ! श्रीराम के राज्याभिषेक की बात सुन सारे देवता चिंतित हो गए, और उन्होंने सोचा की अगर राम राजा बन गए तो राज-काज और भोग विलास में ही उनका जीवन कट जायेगा, जबकि श्रीराम का जन्म बुराई का विनाश करने के उद्देश्य से हुआ था, वो व्यर्थ जायेगा तभी सभी देवताओ ने मिलकर ये सारा षड़यंत्र रचा !

वरना आप ही सोचिये, इतनी ज्ञानवान और गुणवान और राम को भरत से अधिक प्रेम करने वाली कैकेयी कुटिल मंथरा के बहकावे में कैसे आ गयी ?

राम के वन गमन के पश्चात भी कैकेयी भरत के लिए भी यही चाहती थी, की वह राजसिंहासन पर बैठ कर राज्ये का संचालन न करे और यही हुआ | भरत ने राजकार्ये तो संभाला लेकिन राजसिंहासन धारण न कर सिंहासन पर श्री राम की चरण पादुका स्थापित कर राज्य का शासन कुश के आसन पर बैठ कर संचालित किया !

MARK ME AS BRAINLEST

Similar questions