Physics, asked by akhtarata78692, 3 months ago

के कणा के वर का पंजफ निवामित करे।
KISHM
सिह कीभिए कि में प्रत्येक बिन्दु मे कण की फर्जीरियत
कुल
SHM
बहती है।
सेकेण्डलोलक को परिमाधित
अनन्त विस्तार के सरल लोलक के आवर्तकाल काव्यजत पत्पादित
प्रत्यापित
हत्जितः बंधी दो स्निगो सेगुडे (श्रेणी प्रामा के पिण्डालन क
आवर्तकाल जातफरी
औमन्दन एवं अवमदित कम्पन्न नो परिक्षामित करे।​

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Answered by zoyas0230
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