कॉकरोच के केन्द्रिय तन्त्रिका तंत्र का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
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Answer:
केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र (Central Nervous System) इस भाग में निम्नलिखित दो प्रमुख रचनाएँ होती हैं
तन्त्रिको वलय (Nerve ring) – यह सिर में ग्रसिका के चारों ओर स्थित होती है। इसमें निम्नोक्त संरचनाएं पायी जाती हैं|
(A) अधिग्रसिका गुच्छिका-1 जोड़ी (Supra Oesophageal Gangalion or Brain)
(B) परिग्रसिका संयोजक-1 जोड़ी (Circum-Oesophageal Connectives)
(C) अधोग्रसिका गुच्छिका-1 जोड़ी (Sub-Oesophageal Ganglion)
अधर तन्त्रिका रज्जु (Ventral Nerve Cord) – यह ग्रीवा,
वक्ष तथा 7-उदर-खण्डों में स्थित रहती है। इसकी उत्पत्ति अधोग्रसिका से होती है। यह दोहरी होती है। इसमें 9 गुच्छक पाये जाते हैं
(क) वक्षीय गुच्छक (Thoracic Ganglia) – ये तीन गुच्छक होते हैं। प्रत्येक गुच्छक दो गुच्छकों के समेकन से बना होता है।
(ख) उदीय गुच्छक (Abdominal Ganglia) – ये 6 गुच्छक होते हैं। पहले 5 गुच्छक प्रथम पाँच उदरीय खण्ड में स्थित होते हैं, तथा प्रत्येक गुच्छक दो खण्डों के समेकन से बना होता है। छठा उदरीय गुच्छक बड़ा होता है और 7वें उदर खण्ड में स्थित होता है।
Explanation:
Answer:
केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र (Central Nervous System) इस भाग में निम्नलिखित दो प्रमुख रचनाएँ होती हैं
तन्त्रिको वलय (Nerve ring) – यह सिर में ग्रसिका के चारों ओर स्थित होती है। इसमें निम्नोक्त संरचनाएं पायी जाती हैं|
(A) अधिग्रसिका गुच्छिका-1 जोड़ी (Supra Oesophageal Gangalion or Brain)
(B) परिग्रसिका संयोजक-1 जोड़ी (Circum-Oesophageal Connectives)
(C) अधोग्रसिका गुच्छिका-1 जोड़ी (Sub-Oesophageal Ganglion)
अधर तन्त्रिका रज्जु (Ventral Nerve Cord) – यह ग्रीवा,
वक्ष तथा 7-उदर-खण्डों में स्थित रहती है। इसकी उत्पत्ति अधोग्रसिका से होती है। यह दोहरी होती है। इसमें 9 गुच्छक पाये जाते हैं
(क) वक्षीय गुच्छक (Thoracic Ganglia) – ये तीन गुच्छक होते हैं। प्रत्येक गुच्छक दो गुच्छकों के समेकन से बना होता है।
(ख) उदीय गुच्छक (Abdominal Ganglia) – ये 6 गुच्छक होते हैं। पहले 5 गुच्छक प्रथम पाँच उदरीय खण्ड में स्थित होते हैं, तथा प्रत्येक गुच्छक दो खण्डों के समेकन से बना होता है। छठा उदरीय गुच्छक बड़ा होता है और 7वें उदर खण्ड में स्थित होता है।