क) कर्ण ने माता कुंती को क्या वचन दिया था और उसे कैसे निभाया?
ख)अभिमन्यु कौन था? युद्ध मे अभिमन्यु की वीरता का वर्णन करें?
ग) पांडवों ने अपना अंतिम समय ⌛कहाँ और किस तरह बिताया?
घ) बलराम युद्ध मे तटस्थ क्यों रहना चाहते थे?
ड•) द्रोणाचार्य को मारने के लिए पांडवों ने क्या योजना बनाई?
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- माता कुंती ने कर्ण से वचन मांगा था कि वह पांचों पांडवों का वध नहीं करेगा इस प्रकार करने माता कुंती को वचन दिया था कि वह पांचों पांडवों का वध नहीं करेगा परंतु अगर मैं अर्जुन को मार सका तब अर्जुन को जरूर मारेगा।
- अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था। वह ऐसे वीर योद्धा कहलाने की लालसा रखते थे जो , पृथ्वी पर उससे पूर्व कभी ना हुआ हो और ना कभी भविष्य में ऐसा योद्धा हो सके। अभिमन्यु महाभारत में लड़ने वाला सबसे कम आयु का शूरवीर , महा योद्धा था।
- महाभारत काल में द्यूत क्रीड़ा में पराजित पांडवों ने वनवास के बाद अंतिम वर्ष अज्ञातवास का कुछ समय यहां बिताया था। ... यहीं से पांडव विराटपुर चले गए थे। इस सघन वन की सुरम्यता को देखते हुए अनेक ऋषि मुनियों ने यहां तपस्या की।
- बलराम ने कहा है कि जिधर कृष्ण न हो, उस तरफ़ उनका रहना ठीक नहीं है और अर्जुन की सहायता वह करेंगें नहीं, इस कारण वह अब दुर्योधन की भी सहायता करने योग्य नहीं रहे। इसलिए उनका तटस्थ रहना ही ठीक है।
- भीष्म के बाद दुर्योधन ने द्रोणाचार्य को अपना सेनापति बनाया। सेनापति बनते ही द्रोणाचार्य ने पांडवों की सेना का संहार करना शुरू किया। ... तब पांडवों ने एक योजना बनाई। योजना के अनुसार भीम ने अश्वत्थामा नाम के हाथी को मार डाला और द्रोणाचार्य के सामने चिल्लाने लगे कि अश्वत्थामा मारा गया।
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