(क) कर्तव्य-परायणता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(ख) क्या संबंध के बोझ से कर्तव्य को भूल जाना उचित है?
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क) कर्तव्य-परायणता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
कर्तव्य-परायणता का अर्थ अपने अंत तक आदेशों का पालन का अभ्यास | अंत करण से मनुष्य को अपने कर्तव्य का बोध होता है | कर्तव्य-परायणता व्यक्ति सदा अपने कर्तव्य का पालन करता है | वह न्यायशील , धार्मिक तथा नैतिक दायित्व का पालन करता है | वह अपनी इच्छाओं तथा साधनों पर विचार करता है | वह खुद अपनी चरित्र की मीमांसा करता है | वह आत्म निर्भर होता है , कोन सी परिस्थिति में उकसा कोन सा कर्तव्य है |
(ख) क्या संबंध के बोझ से कर्तव्य को भूल जाना उचित है?
जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ , संबंध , रिश्ते निभाना करना बहुत जरूरी है| मनुष्य के और भी बहुत जरूरी कर्तव्य है , जिन्हें उन्हें नहीं भूलना चाहिए | हमें अपना जीवन को अच्छे से सब कामों को समय दे कर अलग-अलग कर लेना चाहिए | सभी कर्तव्यों को अच्छे से निभाना चाहिए |