क. कवि ने इस कविता में किसे संबोधित किया है?
ख. कवि उन्हें दादा जी के साथ क्या-क्या करने को कह रहा है?
ग. दादा जी किस-किससे नाराज़ हो सकते हैं?
क. दादा जी को क्या हुआ है?
Answers
जिस कविता पर आधारित वे प्रश्न है वो नीचे दी गयी है...
क. कवि ने इस कविता में किसे संबोधित किया है?
➲ कवि ने इस कविता में बच्चों को संबोधित किया है।
ख. कवि उन्हें दादा जी के साथ क्या-क्या करने को कह रहा है?
➲ कवि ने उन्हे अपनी नरम हथेलियों में उनका हाथ लेनों को कहा रहा है। वह बच्चों को कह रहा है कि वे दादाजी को बगीचे में लेकर जायें और अपने साथ उन्हें झूलों मे झुलायें।
ग. दादा जी किस-किससे नाराज़ हो सकते हैं?
➲ दादाजी बच्चों से, बूढ़ों से, कचरों से कूड़ों, चोटी से जूड़ों से नाराज हैं।
घ. दादा जी को क्या हुआ है?
➲ दादाजी नाराज है, और गुमसुम बैठे हैं। दादीजी के ना रहने के कारण अब वो अकेलापन महसूस करते हैं।
दादा जी नाराज़ हैं।
रोज़ रहा करते हैं, वे क्या आज हैं !
पता नहीं चल पाता है कि वे किससे नाराज़ हैं
बच्चों से नाराज़ हैं कि बूढ़़ो से नाराज़ हैं
चतुरों से नाराज हैं कि मूढ़ों से नाराज़ हैं
कचरों से नाराज़ हैं कि कूड़ों से नाराज़ हैं
चोटी से नाराज़ हैं कि जूड़ों से नाराज़ हैं
दादा जी नाराज़ हैं
रोज़ रहा करते हैं, वे क्या आज हैं !
दादा जी नाराज़ नहीं हैं
उन्हें हुआ है क्या, यह कोई राज़ नहीं
गुमसुम हैं अपने कमरे में
उन्हें बुलाए जो ऐसी आवाज़ नहीं।
गुजर गए उनकी दुनिया के मेले ठेले,
दादी नहीं रही, तब से हैं और अकेले।
कहाँ चले बच्चों, उनको साथ लो,
अपनी नरम हथेलियों में उनका हाथ लो।
ले जाओ उन बगीचों के फूलों में,
अपने साथ झुलाओ उनको झूलों में।
फिर देखो लड्डू की चोरी करने में,
साथ तुम्हारे यह भी चाल में फँस सकते हैं,
हंसते हो जिस तरह, उस तरह अब वे अब भी हँस सकते हैं।
चूको मत वे कल ना रहेंगे आज है,
भूल जाओ कि दादा जी नाराज हैं।
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