Hindi, asked by nityachundawat, 4 months ago

(क) कविता के सन्दर्भ में बिना मुरझाए महकने के माने क्या होते हैं ?​

Answers

Answered by nehaprakruti44
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Answer:

कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या होते हैं? फूल तो खिलकर मुरझा जाते हैं और उनकी महक समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत कविता भी मुरझाती नहीं। वह सदा ताजा बनी रहती है और उसकी महक बरकरार रहती है।

Answered by Jasleen0599
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कविता के सन्दर्भ में बिना मुरझाए महकने के माने क्या होते हैं ?​

  • फूल लगने के बाद फूल मुरझा जाते हैं और उनकी महक खत्म हो जाती है। दूसरी ओर, कविता भी कोई समस्या नहीं है। यह हमेशा फ्रेश रहता है और इसकी खुशबू भी बरकरार रहती है। फूल ही महकते हैं। लेकिन जब तक इनका अस्तित्व है तब तक इनकी महक बनी रहती है। कविता के मामले में ऐसा नहीं है। कवि ने उन्हें कभी न मुरझाने और खिलने की शक्ति दी।
  • बिन मुर्ज़ाये मेहकने के माने' का अर्थ है कि कविता फूलों की तरह खिलती है लेकिन मुरझाती नहीं है। इसकी सुगंध दूर-दूर तक फैलती है। कारण यह है कि फूल एक क्षणिक प्राकृतिक घटना है और कविता मानव हृदय की एक शाश्वत भावना है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
  • कोई बात नहीं कविता में, मूड बताता है कि कैसे शब्द पसंद, विषय और लेखक का लहजा एक समग्र भावना व्यक्त करता है जो पाठकों के लिए कविता के भावनात्मक परिदृश्य की विशेषता है। यह कविता कथा के माध्यम से संघर्ष को उकेर कर भाषा की सहजता के बारे में बात करती है।
  • कवि कहता है कि हमें सरल बातों को सरल शब्दों में अटके बिना कहने का प्रयास करना चाहिए। भाषा की उलझन के कारण बात स्पष्ट नहीं होने से कविता में जटिलता बढ़ जाती है और अभिव्यक्ति भ्रमित हो जाती है।

#SPJ3

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