Science, asked by sonu8744037452, 5 months ago

( क ) कवि वृंद ने अपने दोहे के माध्यम से निरंतर अभ्यास करने पर बल दिया है । आपके जीवन में यह दोहा कितना उपयोगी सिद्ध हुआ है ? स्पष्ट कीजिए​

Answers

Answered by coolbuddy60
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Answer:

इसका तात्पर्य यह है कि निरंतर अभ्यास करने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है, बिल्कुल उसी तरह जिस कुएं से पानी खींचने के लिए लगाई गई रस्सी से कुएँ के पत्थर पर निशान पड़ जाते हैं। हमारे जीवन में उनके इस दोहे का बड़ा ही महत्व रहा और यह दोहा बड़ा ही उपयोगी सिद्ध हुआ।

Explanation:

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