CBSE BOARD XII, asked by sonu8744037452, 4 months ago

क ) कवि वृंद ने अपने दोहे के माध्यम से निरंतर अभ्यास करने पर बल दिया है । आपके जीवन में यह दोहा कितना उपयोगी सिद्ध हुआ है ? स्पष्ट कीजिए​

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Answered by anshpandey7a
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कवि वृद ने अपने दोहे करत - करत अभ्यास, में अभ्यास का दहन महल समझापा है। कवि बंद ने इस दोहे में रस्सी और पत्थर का भी उदाहरण देकर समस्या है कि पत्थर जैसी वस्तु जो कि बहुत कठोर है लेकिन रस्सी जैसी छोटी वस्तु से भी पत्थर पर निशान पड़ जाते है तो ऐसे में मनुष्य के बार-बार किए जाने वाले प्रयास उसे सफल बनाते हैं. दोस्तों के साथ एक बार दौड़ लगी जिसमे मैं असानी से घर गया, तो सबके सामने मेरा बहुत अपमान हुआ फिर रोज सुबह अकेले दौड का कई दिनों अभ्यास किया और जब उन्ही दोस्तों के साथ फिर से दौड़ लगी तो में जीत गया।

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