‘कोल गैसीकरण' से प्राप्त डाइहाइड्रोजन का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है?
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उतर :–
➪ कोल गैसीकरण अभिक्रिया में , जल की वाष्प को प्रवाहित करके CO और H2 का मिश्रण बनाया जाता है जिसे सिन गैस भी कहा जाता है |
➪ कोल भाप सिन गैस डाइहाइड्रोजन का उत्पादन सिन गैस में उपस्थित CO(g) की आयरन क्रोमेट उत्प्रेरक की उपस्थिति में भाप के साथ क्रिया द्वारा बढ़ाया जा सकता है ।
'कोल गैसीकरण' से प्राप्त डाईहाइड्रोजन का उत्पाद बॉश प्रक्रिया (Bosch process) से की जाती है –
• जिसका अभिक्रिया इस प्रकार है :
C (s) (coal) + H2O (g) (steam) -------1270K------> CO (g) + H2 (g)
अभिक्रिया के पाए गए मिश्रण मे उपलब्ध कार्बन मोनोऑक्साइड का भाप के साथ अभिक्रिया कर डाईहाइड्रोजन (H2) का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
• जिसमें उत्प्रेरक के रूप में फेरस क्रोमेट (FeCrO4) का इस्तेमाल किया गया है।
CO (g) + H2O(g) ----------673K--FeCrO_4------> CO2 (g) + H2 (g)
• इस प्रतिक्रिया को हम वॉटर - गैस शिफ्ट रिएक्शन कहते हैं। मिश्रण से कार्बन डाईऑक्साइड को अलग करने के लिए मिश्रण को सोडियम अर्सेनाइट विलयन में प्रवाहित किया जाता है।