कोलॉइडी कणों के नीचे बैठ जाने का प्रक्रम
कहलाता है
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कोलॉइडी विलयन विशमांग होते हैं और उनमें कम से कम दो प्रावस्थाएँ होती हैं परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम।
परिक्षिप्त प्रावस्था: वह पदार्थ जो कम मात्रा में विघमान रहता है और इसके कण कोलॉइडी आमाप (1 से 100 nm) के होते हैं।
परिक्षेपण माध्यम: यह वह माध्यम है जिसमें कोलॉइडी कण परिक्षिप्त रहते है। पानी में, गंधक कोलॉइडी विलयन में गंधक कण परिक्षिप्त प्रावस्था बनाते हैं और पानी परिक्षेपण माध्यम होता है।
ये दो प्रावस्थाएँ : परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम, ठोस, द्रव अथवा गैस हो सकते हैं। इस प्रकार दो प्रावस्थाओं की भौतिक अवस्था के अनुसार कोलॉइडी विलयन विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। सारणी में विभिन्न प्रकार के कोलॉइडी विलयन और उनके उदाहरण दिए गए हैं।
ऊपर दिए गए विभिन्न प्रकार के कोलॉइडी विलयनों में विलय (द्रव में ठोस), जैल (ठोस में जल), और पायस (द्रव में द्रव) प्रमुख है। उल्लेखनीय है कि यदि परिक्षेपण माध् यम जल हो तो विलेय को जल विलेय कहते हैं और यदि परिक्षेपण माध्यम ऐल्कोहॉल हो तो विलेय को ऐल्को विलेय कहते है।
Explanation:
Brinlance answer kar do please bhai