Hindi, asked by manishchurendra2004, 4 months ago

कालेजों में होने वाले रैगिंग के रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को लिखा गया पत्र​

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Answered by sumit17441
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कार्यालय संवाददाता | सीहोर

महानगरों की तर्ज पर अब स्थानीय स्तर पर भी रैगिंग को लेकर कॉलेज प्रबंधन सख्त हो गया है। इसके चलते शासकीय चंद्रशेखर आजाद पीजी कॉलेज के नोडल प्राचार्य डॉ. व्हीके शुक्ल ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे कॉलेज के कैम्पस में ध्यान रखें कि कहीं रैगिंग तो नहीं हो रही है।

लीड कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शुक्ल के अनुसार शासन के निर्देशानुसार जिले में सभी कॉलेज रैगिंग के प्रति जीरो टालरेंस होना चाहिए। कॉलेजों में रैगिंग को प्रतिबंधित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके निर्देश दिए हैं। रैगिंग की रोकथाम के लिए अलग से कमेटी भी गठित की गई है।

यह है रैगिंग: आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग, किसी को अपमानित करने वाली बात लिखना, कोई भी ऐसा काम जिससे किसी को परेशानी हो, किसी को चिढ़ाना, किसी के प्रति गुस्सा दिखाना, शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा, अभद्र तरीके से जूनियर छात्रों से व्यवहार करना, मनोवैज्ञानिक तरीके से किसी को गलत करने के लिए प्रेरित करना, जूनियर्स से शर्मसार करने वाले काम करवाना रैगिंग के दायरे में आते हैं।

एंटी रैगिंग के लिए ये करें

समय-समय पर एंटी रैगिंग के निर्देशों का पालन करें।

कॉलेज स्तर पर शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा की घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने को कहा।

रैगिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और राज्य शासन के निर्देशों से सरकारी कॉलेज और निजी स्कूलों को अवगत कराएं।

रैगिंग की ये है सजा

रैगिंग करने वाले को संस्थान से निकाला जा सकता है।

संस्थान और क्लास से निलंबित किया जा सकता है। सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाने के साथ-साथ जुर्माना, स्कॉलरशिप व अन्य लाभ छिन सकते हैं।

संस्थान में किसी भी प्रतियोगिता आदि में हिस्सा लेने पर रोक, परिणाम पर रोक, होस्टल से निलंबन, एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है।

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