कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होइ ।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधु निंदा सोई।।
(i) प्रस्तुत कव्यांष में किस व्यक्ति को उच्च समझ गया है?
ii) कबीर के अनुसार, मानव की श्रेष्ठता किसमें है?
(iii) 'सुरा' शब्द किसका प्रतीक है?
(iv) साधू किसकी निन्दा करते हैं?
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Explanation:
1. प्रस्तुत कव्यांष में अच्छे कर्म वाले व्यक्ति को उच्च समझ गया है।
2. कबीर के अनुसार, मानव की श्रेष्ठता श्रेष्ठ कर्म करने में है।
3. सुरा' शब्द मदिरा (बुराई) का प्रतीक है।
4. यदि सोने के बर्तन में शराब भरी हुई है तो वह श्रेष्ठ नहीं बन जाएगी , निंदनीय ही रहेगी अर्थात साधु संत ईज बर्तन और व्यक्ति की निन्दा ही करेंगे।
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