History, asked by sb5391482, 3 months ago

कीलांकर लिपि की कोई तीन विशेषताएँ बतलाइये।
अथवा​

Answers

Answered by shishir303
0

कीलाकार लिपि एक प्राचीन लिपि थी, जिसको जिसके अक्षर देखने में कीलें जैसी दिखाई देते थे, इसी कारण इसे कीलाकार लिपि के नाम से जाना जाता था। इसका विकास सर्वप्रथम मेसोपोटामिया की सभ्यता के सुमेरियन लोगों द्वारा किया गया।

इसकी तीन विशेषतायें इस प्रकार हैं...

  • कीलाकार लेखन कला में किसी एक व्यंजन या अक्षर को व्यक्त नहीं किया जाता था, बल्कि किसी अक्षर समूह को ध्वनि का प्रतीक बनाया जाता था। इस कारण लेखन कला को सैकड़ों चिन्ह सीखने पड़ते थे और इस लिपि को गीली पट्टी पर लिखकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था।
  • कीलाकार लिपि स्थायी लिपि हो जाती थी। गीली मिट्टी की जो पट्टी होती थी उसे गीली मिट्टी की पट्टी पर सूखने से पहले ही गीली अवस्था में फटाफट लिखना होता था। इस तरह की लेखन कला के लिए एक विशेष कुशलता की आवश्यकता पड़ती थी।
  • कीलाकार लिपि की लेखन की भाषा सुमेरियन होती थी, बाद में सुमेरियन भाषा का स्थान अक्कदी भाषा में ले लिया।
Similar questions