क) लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पडा? उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढाते थे?
ख) अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस
ही में सवाल-जवाब करके तसल्ली क्यो दे दिया करते थे?
ग) समय की दुरिया बताने के लिए लेखिका ने क्या-क्या उदा. देती है?
घ) केशव और श्यामा ने चिडिया के अंडों की रक्षा की या नादानी?
ड) बचपन तथा नादान दोस्त क लेखकों के नाम लिखिए
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क) दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। जब पहली बार लेखिका ने चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई ने उसे छेड़ते हुए कहा कि, देखो! कैसी लग रही है! आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की पर नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!
ख) बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे।
घ) केशव और श्यामा ने अपनी ओर से तो उन अंडों की रक्षा करनी चाही, पर यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वयं कर सकती थी। बच्चे ने अंडों की रक्षा करने के प्रयास में उन्हें छूकर गंदा कर दिया।