Social Sciences, asked by vishalsah96, 6 months ago

काली मृदा का निर्माण किस प्रकार होता है इस मृदा की एक विशेषता लिखें​

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Answered by KaranMudgil
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Answer:

यह मिट्टी ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा से बनती है।

भारत में यह लगभग 5 लाख वर्ग-किमी. में फैली है| महाराष्ट्र में इस मिट्टी का सबसे अधिक विस्तार है। इसे दक्कन ट्रॅप से बनी मिट्टी भी कहते हैं।

इस मिट्टी में चुना, पोटॅश, मैग्निशियम, एल्यूमिना और लोहा पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

यह बहुत ही उपजाऊ है और कपास की उपज के लिए प्रसिद्ध है इसलिए इसे कपासवाली काली मिट्टी कहते हैं।

इस मिट्टी में नमी को रोक रखने की प्रचुर शक्ति है, इसलिए वर्षा कम होने पर भी सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती।

इसकी मिट्टी की मुख्य फसल कपास है। इस मिट्टी में गन्ना, केला, ज्वार, तंबाकू, रेंड़ी, मूँगफली और सोयाबीन की भी अच्छी पैदावार होती है।

काली मिट्टी की प्रमुख विशेषता :

इसकी मुख्य विशेषता नमी पाने पर फैलने लगता है और सूखने पर सिकुड़ने लगती है और यह विशेषता मान्टमाँरिलोनाइट की अधिकता के कारण होता है।

यह कपास की खेती के लिए सबसे अच्छी मृदा है क्योंकि इसमें जल धारण करने की सर्वाधिक क्षमता होती है और कपास की खेती को अधिक समय तक के लिए पानी की आवश्यकता होती है ।

काली मिट्टी बहुत जल्दी चिपचिपी हो जाती है तथा सूखने पर इस में दरारें पड़ जाती हैं इसी के कारण काली मिट्टी को स्वत जुताई वाली मिट्टी कहा जाता है।

Answered by 12343636
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Explanation:

काली मृदा का निर्माण किन शहरों से हुई इसमें दादी की विशेषताएं

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